मोह माया की किसी धारा में न बहना मोह माया की किसी धारा में न बहना
कर कठोर तप-साधना, बुद्ध हुए सिद्धार्थ कर कठोर तप-साधना, बुद्ध हुए सिद्धार्थ
सम्मान का भूखा,हर एक इंसान है सम्मान का भूखा,हर एक इंसान है
बच्चों का मन बच्चों का मन
मन का पंछी पंख फैलाकर, उड़कर जाता है उस गांव, जहाँ बसी हुई मेरी यादे, आज भी मुझे बु मन का पंछी पंख फैलाकर, उड़कर जाता है उस गांव, जहाँ बसी हुई मेरी यादे, ...
कैसी ये अनजान जुदाई फिर दुःख की घटा छाई किया तूने क्यों ऐसा छल ऐ इश्क़ कहीं ले चल। कैसी ये अनजान जुदाई फिर दुःख की घटा छाई किया तूने क्यों ऐसा छल ऐ इश्क़ क...